Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 · 1 min read

अब मज़े बाक़ी कहाँ इंसानियत के वास्ते।

अब मज़े बाक़ी कहाँ इंसानियत के वास्ते।
आज के इस दौर में बस दोगलों की मौज है।।
अब कहाँ से ढूंढ के लाऊँ मैं बाबा भारती?
मेरी बस्ती में खडग सिंहों की पूरी फौज है।।
😢प्रणय प्रभात😢

1 Like · 120 Views

You may also like these posts

यह आज़ादी झूठी है
यह आज़ादी झूठी है
Shekhar Chandra Mitra
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
कभी आंखों में ख़्वाब तो कभी सैलाब रखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वह कौन सा नगर है ?
वह कौन सा नगर है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जीवन पथ पर सब का अधिकार
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
करो प्रतीक्षा!
करो प्रतीक्षा!
*प्रणय*
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नारी
नारी
लक्ष्मी सिंह
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहीद का गांव
शहीद का गांव
Ghanshyam Poddar
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
लहजा बदल गया
लहजा बदल गया
Dalveer Singh
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
Hitclub - Nền tảng game bài Hit Club đổi thưởng, đa dạng trò
Hitclub - Nền tảng game bài Hit Club đổi thưởng, đa dạng trò
Hitclub V5
4409.*पूर्णिका*
4409.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सुल लो ऐ जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
मेरे हाथों में प्याला है
मेरे हाथों में प्याला है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चेहरे की तलाश
चेहरे की तलाश
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
लड़कियां शिक्षा के मामले में लडको से आगे निकल रही है क्योंकि
लड़कियां शिक्षा के मामले में लडको से आगे निकल रही है क्योंकि
Rj Anand Prajapati
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
इस शहर में कितने लोग मिले कुछ पता नही
पूर्वार्थ
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
DR ARUN KUMAR SHASTRI
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
पुरुषोत्तम
पुरुषोत्तम
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
डॉक्टर रागिनी
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
Loading...