अब न्याय के शरण में…..
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अब न्याय की शरण में……………….
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अब न्याय की शरण में
आकर ही सब मिलेगा ।
अन्याय इस जगत से
निश्चय ही अब मिटेगा ।।
यह छल-कपट की दुनिया
अब सांस गिन रही है।
अब प्रेम और सच की
जागीर बन रही है ।
शोषण दमन यहां से
निश्चय ही अब हटेगा ।
अब न्याय की शरण में…………………..
अति और भ्रष्ट सारे
आचार व्यर्थ होंगे ।
संसार के सफ़र में
हर पग समर्थ होंगे।
अब दास शब्द का भी
अस्तित्व तक मिटेगा ।
अब न्याय की शरण में…………………
यह सत्य सर्वसुख का
अब बीजमंत्र होगा ।
यह न्याय ही जगत का
अब मूलतंत्र होगा ।
अब प्रेम का जगत में
झरना पुनः बहेगा ।
अब न्याय की शरण में………………..
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सामरिक अरुण
मिडिल कार्यकारिणी
NDS हरिद्वार
10/05/2016
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