अब ना होली रंगीन होती है…
अब ना होली रंगीन होती है…
ना दिवाली पे उजाला होता है
शाम ढलते ही मेरे हाथों में ..
जाम़ का प्याला होता है…..
— केशव
अब ना होली रंगीन होती है…
ना दिवाली पे उजाला होता है
शाम ढलते ही मेरे हाथों में ..
जाम़ का प्याला होता है…..
— केशव