अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
की तुम्हे कोई अपनी जूतों की नोक पर रख ले।।
गर हिलने लगे वजूद तुम्हारा।
तो दिखा दो उसे की वो भी तुम्हारे अंदर की गर्मी चख ले।।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
की तुम्हे कोई अपनी जूतों की नोक पर रख ले।।
गर हिलने लगे वजूद तुम्हारा।
तो दिखा दो उसे की वो भी तुम्हारे अंदर की गर्मी चख ले।।