Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
*प्रणय*
69 Followers
Follow
Report this post
29 Aug 2024 · 1 min read
अब देश को
अब देश को
”राजनीति” नहीं,
“नीति-राज”
की ज़रूरत है।
🙅प्रणय प्रभात🙅
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 67 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेटे की माॅं
Harminder Kaur
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
पिता
Swami Ganganiya
फैसला
Dr. Kishan tandon kranti
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी,
पूर्वार्थ
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
Phool gufran
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नहीं थी,पर समय सबके पास था
Ranjeet kumar patre
ଖେଳନା ହସିଲା
Otteri Selvakumar
4337.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जितने भी मशहूर हो गए
Manoj Mahato
I want to have a sixth autumn
Bindesh kumar jha
बनना है तो, किसी के ज़िन्दगी का “हिस्सा” बनिए, “क़िस्सा” नही
Anand Kumar
वैनिटी बैग
Awadhesh Singh
ढ़ूंढ़ रहे जग में कमी
लक्ष्मी सिंह
संवाद
surenderpal vaidya
मुक्तक
sushil sarna
युग परिवर्तन
आनन्द मिश्र
"अबला" नारी
Vivek saswat Shukla
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
शेखर सिंह
जीवन
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
एक कोर्ट में देखा मैंने बड़ी हुई थी भीड़,
AJAY AMITABH SUMAN
..
*प्रणय*
प्रीत ऐसी जुड़ी की
Seema gupta,Alwar
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
भरत कुमार सोलंकी
हिंदी दोहे- पंडित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
Manisha Manjari
Loading...