Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

अब देश को

अब देश को
”राजनीति” नहीं,
“नीति-राज”
की ज़रूरत है।

🙅प्रणय प्रभात🙅

1 Like · 80 Views

You may also like these posts

खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
डॉ. दीपक बवेजा
ए लड़ी, तू न डर
ए लड़ी, तू न डर
Usha Gupta
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर)
प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर)
लक्ष्मी सिंह
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
अंजुरी भर धूप
अंजुरी भर धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
सांसें थम सी गई है, जब से तु म हो ।
Chaurasia Kundan
स्कंदमाता
स्कंदमाता
मधुसूदन गौतम
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
Pradeep Shoree
2697.*पूर्णिका*
2697.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कौन गया किसको पता ,
कौन गया किसको पता ,
sushil sarna
मदिरा पीने वाला
मदिरा पीने वाला
राकेश पाठक कठारा
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
मर्द की कामयाबी के पीछे माँ के अलावा कोई दूसरी औरत नहीं होती
Sandeep Kumar
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
कवि रमेशराज
मंझधार
मंझधार
Roopali Sharma
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
Starting it is not the problem, finishing it is the real thi
पूर्वार्थ
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
Sudhir srivastava
"मन बावरा"
Dr. Kishan tandon kranti
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
गीत- छिपाता हूँ भुलाता हूँ...
गीत- छिपाता हूँ भुलाता हूँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
जीना यदि चाहते हो...
जीना यदि चाहते हो...
आकाश महेशपुरी
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
तेरा-मेरा साथ, जीवन भर का...
Sunil Suman
प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!
प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
मन काशी में रम जाएगा जब काशी तन ये जाएगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
Loading...