***** अब तो ****
दिल टूट चुका है अब तो
सब लुट चुका है अब तो
कौन बचाये इस मंजर से
बस दम टूट जाये अब तो ।।
?मधुप बैरागी
है अख़्तियार-ए-मुहब्बत मुझको
है एतबार-ए-मुहब्बत अब मुझको
तुझको ना विश्वास जान मुझ पर
यूं अंजान बन-ना बेगाना मुझको ।।
?मधुप बैरागी