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19 Mar 2024 · 1 min read

अब तो सब बोझिल सा लगता है

अब तो सब बोझिल सा लगता है
वो जो चाँद है तिल सा लगता है

एक आकार में देखा है बचपन से
वो टूटा हुआ दिल सा लगता है

जिसे चाहा था मैंने हद होने तक
वो चराग़ भी मुख़िल सा लगता है

एक हल्की सी आहट से बेकल हुए
दिल ए मोहब्बत मुश्तग़िल सा लगता है

उसकी यादों का खंजर धँस गया
अब बचना मुश्किल सा लगता है

1 Like · 142 Views
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