अब तो जागो तुम बहुजनों
जय भीम,जय भीम, जय भीम, जय भीम।–(2)
अब तो जागो तुम बहुजनों।
अपने शोषण और जुल्मों के खिलाफ।
अपने अपमान और अन्याय के खिलाफ।।
जागो जागो तुम बहुजनों।
अब तो जागो —————–।।
जय भीम, जय भीम, जय भीम, जय भीम।—(2)
अपने शोषण पर, क्यों तुम खामोश हो।
अपने अपमान पर, क्यों तुम चुपचाप हो।।
तोड़ो खामोशी अपनी, छोड़ो अपने बहानें।
करो इंकलाब तुम बहुजनों।।
अब तो जागो —————–।।
जय भीम, जय भीम, जय भीम, जय भीम।—(2)
पिछड़ों- दलितों का, किसने किया उद्धार।
महिलाओं का जीवन, किसने दिया सुधार।।
करो उसका सम्मान, जिसने दिया सम्मान।
मानो अहसान उसका बहुजनों।।
अब तो जागो —————–।।
जय भीम, जय भीम, जय भीम, जय भीम।—(2)
गुलामी से आजादी किसको, भीम ने दिलाई है।
उस भीम की इज्जत, जिसने भी उड़ाई है।।
भीम का तुम अपमान, सहन नहीं करो।
भीम है भगवान तुम्हारा बहुजनों।।
अब तो जागो —————–।।
जय भीम, जय भीम, जय भीम, जय भीम।—(2)
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)