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14 Dec 2022 · 1 min read

कब तक में छुपाऊंगा तूफान मोहब्बत का

कब तक में छुपाऊंगा तूफान मोहब्बत का
रह रह के मचलता है अरमान मोहब्बत का

जब जब भी किया उसने ऐलान मोहब्बत का
हर आदमी लगता था सुल्तान मोहब्बत का

दिल, आंख, जिगर, सांसे, और खून का हर क़तरा
ले आया हूं जो कुछ था सामान मोहब्बत का

हर लम्हा खुदा की याद ये मुझको दिलाती है
किस तरह भुलाऊंगा एहसान मोहब्बत का

जो सेहरा नवर्दी में माहिर हैं जमाने में
करते हैं वही आतिफ नुकसान मोहब्बत का

Language: Urdu
1 Like · 205 Views
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