अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,
अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,
पाया उसने परम पद, हुआ यही चरितार्थ l
तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,
करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l
अब तक जिसने भी लिखी,राम कथा निस्वार्थ,
पाया उसने परम पद, हुआ यही चरितार्थ l
तन्त्र मन्त्र सब व्यर्थ हैं, राम भजन है सार,
करके तो देखो स्वयम, पाओ स्वच्छ विचार l