अब कौन सा जतन करूं
कौन सा जतन करूँ ,करूँ कौन उपाए।
तेरे बिन बरखा रानी ,कुछ न सुझाये।
तेरे दर्शन को ऐसे तड़पूँ ,जैसे की मीन ,
क्यों तू मुझे एक बून्द के लिए तरसाये।
कौन सा जतन करूँ ,करूँ कौन उपाए।
तेरे बिन बरखा रानी ,कुछ न सुझाये।
तेरे दर्शन को ऐसे तड़पूँ ,जैसे की मीन ,
क्यों तू मुझे एक बून्द के लिए तरसाये।