अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब तो हाथों में कोई तेज कटारी रखिये…
कितने दिन ज़िन्दा रहे इसको न गिनिये साहिब
किस तरह ज़िन्दा रहे इसकी शुमारी रखिये…
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब तो हाथों में कोई तेज कटारी रखिये…
कितने दिन ज़िन्दा रहे इसको न गिनिये साहिब
किस तरह ज़िन्दा रहे इसकी शुमारी रखिये…