Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2021 · 1 min read

अब आदमी यान बन गया है।

अब आदमी यान बन गया है। बिना पंखों के उड़ान बन गया है।तेज गति से दौड़ रहा, इतना कि हेमान बन गया है।पलमे यहां और पलवहां पंछी बन कर उड़ान भर रहा है।तेज गति मान से मौत का शिकार हो गया है।अब पैदल चलना दूभर हो गया है।अब आदमी यान बन गया है।

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Loading...