अब आदमी यान बन गया है।
अब आदमी यान बन गया है। बिना पंखों के उड़ान बन गया है।तेज गति से दौड़ रहा, इतना कि हेमान बन गया है।पलमे यहां और पलवहां पंछी बन कर उड़ान भर रहा है।तेज गति मान से मौत का शिकार हो गया है।अब पैदल चलना दूभर हो गया है।अब आदमी यान बन गया है।