अब्बस यूँ ही?
अब्बस यूँ ही ना उलझा रह ,?
की मैं हिंदू? तूं मुसलमां?
मज़हबी बहकाबे मे कभी मत रह?
पहले बन जा सभी इंसान.
शायर©किशन कारीगर
अब्बस यूँ ही ना उलझा रह ,?
की मैं हिंदू? तूं मुसलमां?
मज़हबी बहकाबे मे कभी मत रह?
पहले बन जा सभी इंसान.
शायर©किशन कारीगर