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31 May 2024 · 1 min read

अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,

अफ़वाह है ये शहर भर में कि हमने तुम्हें भुला रक्खा है,
ख़बर नहीं तुम्हें भी कि तुम्हें हमने दिल में छुपा रक्खा है।

और ये सच है कि कोई मलाल नहीं हमें, तुम्हारे जाने का,
पर पता नहीं क्यूं आंखों में अश्कों का सैलाब जमा रक्खा है।

1 Like · 49 Views
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