अपवाद हमें हरेक युग में देखने को मिलता है ! एकलव्य एक भील बं
अपवाद हमें हरेक युग में देखने को मिलता है ! एकलव्य एक भील बंजारा था ! उसने गुरु दोर्ण से अपने गुरु बनने का अनुरोध किया पर गुरु दोर्णने उसे अपना शिष्य नहीं बनाया ! एकलव्य ने उनकी मूर्ति बनाई और उन्हें गुरु मानकर अभ्यास करने लगा और अर्जुन से भी निपुण धनुर्धर बन गया ! सच्ची लगन, परिश्रम और अनुशासन के मापदंडों पर खरे उतर जाएँ तो हर कार्य सफलता के करीब पहुँच जाता है !@परिमल