अपनों पर हो घात
गलती पर अपनी कभी, करें नही जो खेद !
हो जाता है शर्तिया, ….उनका रक्त सफेद !!
अवनति की उस रोज से, होती है शुरुआत ।
जब गैरों की राय से, …हो अपनों पर घात ।।
रमेश शर्मा.
अवनति-गिरावट
गलती पर अपनी कभी, करें नही जो खेद !
हो जाता है शर्तिया, ….उनका रक्त सफेद !!
अवनति की उस रोज से, होती है शुरुआत ।
जब गैरों की राय से, …हो अपनों पर घात ।।
रमेश शर्मा.
अवनति-गिरावट