Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2024 · 1 min read

अपने हिस्सों में आई तकलीफे किसे पसंद होती हैं।

अपने हिस्सों में आई तकलीफे किसे पसंद होती हैं।
ये मुश्किलें संघर्ष, ये गिरना, टूटना बिखरना कहां कोई मांग कर लाता हैं
और सच कहे तो सिर्फ सहने वाले को पता होता हैं अपने हिस्से के दर्दों का सच। पर ज़िंदगी कभी इस शर्त पर कहा मिली थी कि वो हमेशा
सीधी ही चलेगी और देखते ही देखते तुम कितना सह गए शायद अपनी क्षमता से भी ज्यादा। बस तुम इन सब में ख़ुद को पीछे छोड़ आए वो हसीं, वो नादानियां, वो बेफिक्री उसे ढूंढ लाओ वापस क्योंकि रास्ते ने तो कभी आसान न होने की ठानी हैं और ज़िद्दी तुम भी कम कहा चलना छोड़ोगे नहीं। तो मुस्कुराते हुए ही चलते हैं इस उम्मीद के साथ कि एक दिन शायद ज़ख़्म भी थक कर यूंही मुस्कुरा के रास्ता छोड़ जाए…..!!

#मेरीग़ज़ल

11 Views

You may also like these posts

#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
singh kunwar sarvendra vikram
रास्ते खुलते हैं
रास्ते खुलते हैं
Harinarayan Tanha
कोयले में मैंने हीरा पहचान लिया,
कोयले में मैंने हीरा पहचान लिया,
Jyoti Roshni
शपथ संविधान की खाकर,माल चकाचक खाए
शपथ संविधान की खाकर,माल चकाचक खाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भविष्य..
भविष्य..
Dr. Mulla Adam Ali
जॉन वुडन एक महान बास्केटबॉल कोच थे जो अपनी बुद्धिमत्ता और ने
जॉन वुडन एक महान बास्केटबॉल कोच थे जो अपनी बुद्धिमत्ता और ने
पूर्वार्थ
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
जिंदगी के और भी तो कई छौर हैं ।
Ashwini sharma
4607.*पूर्णिका*
4607.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
Neelofar Khan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
Manisha Manjari
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
©️ दामिनी नारायण सिंह
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आऊंगा एक दिन,
आऊंगा एक दिन,
डी. के. निवातिया
Good morning
Good morning
Neeraj Agarwal
प्यारे मोहन
प्यारे मोहन
Vibha Jain
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
रेशम की डोरी का
रेशम की डोरी का
Dr fauzia Naseem shad
और कितना सताएगी
और कितना सताएगी
Meenakshi Bhatnagar
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
कविता
कविता
Nmita Sharma
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान
Neha
"सम्भावना"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़-ए-जज़्बात
इश्क़-ए-जज़्बात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जैसे-तैसे
जैसे-तैसे
Dr. Bharati Varma Bourai
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
DrLakshman Jha Parimal
Loading...