Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

अपने पास पाती हूँ

अपने पास पाती हूँ

तुम्हारी यादों में
जब-जब डूबती हूँ
हो जाता है मेरा
नित्य गंगा स्नान,
जब भी
हो आती हूँ
मायके के घर
सिमट आते हैं
सारे के सारे तीर्थ वहाँ,
जब स्पर्श करती हूँ
तुम्हारी पहनी हुई साड़ियाँ
रच-बस जाती हूँ
तुम्हारी महक में
होने लगता है
तुम्हारे आसपास होने का
शक्तिशाली अहसास,
छूती हूँ तुम्हारी
रखी हुई चूड़ियों को
तो याद आते हैं
एफ•आर•आई• में रहने के दिन
जब पंडितवाड़ी की
चूड़ियों की दुकान में
तुम मेरे साथ
चूड़ियाँ पहनने जाया करती थी
असीस की चूड़ी
पहनाने के लिए बोलना
मैं कभी नहीं भूलती थी,
तुमसे जुड़ी
इतनी सारी बातें हैं
जो एक-एक कर
याद आती जाती हैं
यादों की इस वर्षा में
भीग-भीग जाती हूँ
कभी हँसती
कभी धीरे से मुस्कुराती हूँ
आँखों में आने वाले
अश्रुओं को पोंछती जाती हूँ
माँ! तुम्हें सदा
अपने पास पाती हूँ।

#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all

You may also like these posts

*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
Ravi Prakash
जिंदगी
जिंदगी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ख्वाब
ख्वाब
लक्की सिंह चौहान
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
I haven’t always been a good person.
I haven’t always been a good person.
पूर्वार्थ
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है।
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
Sonam Puneet Dubey
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
- अनमोल -
- अनमोल -
bharat gehlot
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
जब रात बहुत होती है, तन्हाई में हम रोते हैं ,
Neelofar Khan
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
इस जहां में अब वो, अजनबी नहीं मिलता..
sushil yadav
गीत- चले आओ...
गीत- चले आओ...
आर.एस. 'प्रीतम'
सुकून
सुकून
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
कोई मंझधार में पड़ा है
कोई मंझधार में पड़ा है
VINOD CHAUHAN
शब्दों की चुभन।
शब्दों की चुभन।
Abdul Raqueeb Nomani
*** रेत समंदर के....!!! ***
*** रेत समंदर के....!!! ***
VEDANTA PATEL
मातृ दिवस पर दोहे
मातृ दिवस पर दोहे
RAMESH SHARMA
"कोई कुछ तो बता दो"
इंदु वर्मा
नजर से मिली नजर....
नजर से मिली नजर....
Harminder Kaur
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
4743.*पूर्णिका*
4743.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
अनसुलझे सवाल
अनसुलझे सवाल
आर एस आघात
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
कैसे निभाऍं उस से, कैसे करें गुज़ारा।
कैसे निभाऍं उस से, कैसे करें गुज़ारा।
सत्य कुमार प्रेमी
18. Birthday Prayers
18. Birthday Prayers
Ahtesham Ahmad
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
John Smith
तिरंगा
तिरंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...