अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
ग़मों को मुस्कुराहटों से छुपा लिया जाए।
अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए।।
औरों की खातिर कुछ वक्त जी लिया जाए ।
अपने गम उन्हें सुना कर परेशान ना किया जाए।।
कितनी हसीन थी वह दुनिया यह उन्हें बताया जाए।
क्यों भूल कर बैठे हैं वह हमें उन्हें याद दिलाया जाए।।
बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद के लिए थोड़ा सा झुक लिया जाए।
बुढ़ापे में न उन्हें दो रोटी के लिए मजबूर किया जाए।।
अपने लिए जीने से तौबा कर ली जाए ।
जो जीते हैं हमारे लिए उनसे मोहब्बत की जाए।।
ख्वाहिश में कभी ना खत्म होगी इन्हें थोड़ा रोका जाए।
थोड़े में भी हंस कर जीना सीख लिया जाए।।
हसीन लम्हों को याद करके दिल को सुकून दिया जाए।
अपना गम लेकर कहीं और न जाया जाए।।
हरमिंदर कौर, अमरोहा (यूपी)