अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
दिल धड़क धड़क धड़के और आखों का कोर भीगा कर सवेरा हो जाइए ,इसमें भी एक मजा होती है।
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
दिल धड़क धड़क धड़के और आखों का कोर भीगा कर सवेरा हो जाइए ,इसमें भी एक मजा होती है।