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19 Dec 2024 · 1 min read

अपने – अपने नीड़ की,

अपने – अपने नीड़ की,
अपनी – अपनी पीर ।
कहीं गूँजते कहकहे,
कहीं छलकता नीर ।।

सुशील सरना / 19-12-24

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