अपनी शान के लिए माँ-बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं
(शेर)- क्यों कर रहे हैं बच्चें आत्महत्या, इसका गुनाहगार कौन है।
अपनी शानो- इज्जत का औजार, बच्चों को बना रहा कौन है।।
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अपनी शान के लिए माँ- बाप, बच्चों से ऐसा क्यों करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप———————।।
औरों को दिखाने को खुद को महान, बुनते हैं क्यों ऐसे सपनें।
थोप देते हैं अपने बच्चों पर, माँ- बाप क्यों फिर अपने सपनें।।
साकार करने को अपने सपनें, बच्चों के सपनें कुचलते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————-।।
नहीं पूछते हैं बच्चों से कभी, बच्चों की किसमें है रूचि।
औरों से करने के लिए तुलना, मार देते हैं बच्चों की रुचि।।
बताकर खुद को उनका मालिक, खामोश बच्चों को रखते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————–।।
जरूरी नहीं बन जायेंगे, सभी सरकारी अधिकारी यहाँ।
अपनी योग्यता- हुनर से कोई, नहीं होगा बेरोजगार यहाँ।।
कठपुतली समझकर बच्चों को, क्यों खुद से पराया करते हैं।
कि आकर मानसिक तनाव में, आत्महत्या बच्चें करते हैं।।
अपनी शान के लिए माँ- बाप——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)