अपनी बातें
अपनी बातें सब करें, जग की करे न कोय ।
मिलकर सारे काज हो, विपदा कभी न होय ।।
देखन आए दूर से, मकसद लेकर खास ।
हँसता मुखड़ा देख के, टूटी उनकी आस ।।
अपनी बातें सब करें, जग की करे न कोय ।
मिलकर सारे काज हो, विपदा कभी न होय ।।
देखन आए दूर से, मकसद लेकर खास ।
हँसता मुखड़ा देख के, टूटी उनकी आस ।।