अपना साथ दे दो
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“प्यासी है मन की धरा
नेह की बरसात दे दो।।
अंजुमन की रागिनी ने
प्रेम का है गीत गाया
खिल उठी मन की कली
कौन सा मौसम है आया
सिंदुरी हो जाए जीवन
कोई ऐसी बात कह दो
प्यासी है मन की धरा
नेह की बरसात दे दो।।
मीत मेरे हो तुम्ही तो
प्रीति मेरी है तुम्हारी
साथ में अब हर जनम हां
जिंदगी बीते हमारी
चांद तुम हो हम सितारे
कोई ऐसी रात दे दो
प्यासी है मन की धरा
नेह की बरसात दे दो।।।”
अंकिता