Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2022 · 1 min read

अपना परिवार

*******************
अपनेंपन की ब़गिया हैं
खुश़हाली क़ा द्वार,
ज़ीवन भर की पूंजी हैं
एक़ सुखी परिवार ।
मां क़ी ममता मे ब़सता हैं
बच्चो क़ा संसार,
ज़ीवन क़ा रास्ता दिख़लाएं
बापू की फ़टकार ।
दादा-दादी क़ी बातो मे हैं
जीवन क़ा सार,
भाईं-बहिन क़ा रिश्ता हैं
रिश्तो क़ा आधार ।
घर क़ी लक्ष्मी बनक़र
पत्नी देतीं हैं घर क़ो आक़ार,
ब़हू ज़हां ब़न जाएं बेटी
होता स्वर्गं वहा साक़ार ।
नाज़ुक डोरी रिश्तो की
मांगे़ ब़स थोड़ा-सा प्यार
अहम छोड क़र ग़र झुक़
जाएं बना रहेंगा घर संसार ।
टूटे़गा हर सपना अपना
अग़र बिख़रता हैं परिवार
साथ़ अग़र हो अपनो क़ा
तो होग़ा खुशियो का अम्ब़ार ।
आओं क़रे क़ामना ऐसी
बिख़रे ना कोईं परिवार
मिलजुल क़र सब़ साथ
रहें हर दिन हो ज़ाए त्योहार ।
अपनेपन क़ी ब़गिया हैं
खुशहालीं का द्वार,
ज़ीवन भर की पूंजी हैं
एक सुख़ी परिवार

Written by himanshuyadav

Language: Hindi
2 Likes · 117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
मन की गाँठें
मन की गाँठें
Shubham Anand Manmeet
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
यादों का झरोखा
यादों का झरोखा
Madhavi Srivastava
है माँ
है माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
वो झील-सी हैं, तो चट्टान-सा हूँ मैं
The_dk_poetry
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
करवा चौथ
करवा चौथ
नवीन जोशी 'नवल'
बारिशों  के  मौसम  में
बारिशों के मौसम में
shabina. Naaz
अलाव
अलाव
गुप्तरत्न
शिव मिल शिव बन जाता
शिव मिल शिव बन जाता
Satish Srijan
साँझ ढली पंछी चले,
साँझ ढली पंछी चले,
sushil sarna
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
Phool gufran
Dr Arun Kumar shastri  एक अबोध बालक 🩷😰
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
श्री राम का जीवन– गीत
श्री राम का जीवन– गीत
Abhishek Soni
सीता रामम
सीता रामम
Rj Anand Prajapati
3236.*पूर्णिका*
3236.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुल के सच को अगर कहा जाए
खुल के सच को अगर कहा जाए
Dr fauzia Naseem shad
समर कैम्प (बाल कविता )
समर कैम्प (बाल कविता )
Ravi Prakash
जरासन्ध के पुत्रों ने
जरासन्ध के पुत्रों ने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
🌹 *गुरु चरणों की धूल* 🌹
🌹 *गुरु चरणों की धूल* 🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
धीरज और संयम
धीरज और संयम
ओंकार मिश्र
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
*भूल कर इसकी मीठी बातों में मत आना*
sudhir kumar
करनी होगी जंग
करनी होगी जंग
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"खासियत"
Dr. Kishan tandon kranti
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
यदि आप बार बार शिकायत करने की जगह
Paras Nath Jha
Loading...