अपना घर
वह जगह जहां दिन भर की आपाधापी के बाद
कुछ पल सुकून के मिल सकें ,
जहां का वातावरण शरीर में नवऊर्जा का
संचार कर सके ,
जहां परस्पर प्रेम एवं सौहार्द का वास हो ,
द्वेष ,क्लेश ,एवं नकारत्मक ऊर्जा न पास हो ,
वैसे तो लोग जिंदगी में आलीशान मकान, महल और बहुत कुछ बना लेते हैं ,
पर उनमे से कुछ ही को जीते जी
अपने घर नसीब होते हैं।