Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

अन-मने सूखे झाड़ से दिन.

60…
२१२२ १२१२ २
अन-मने सूखे झाड़ से दिन.
तुम सजा लो कबाड़ से दिन
#
है पुरानी कमीज अपनी
सर्द काँपे है हाड़ से दिन
#
जाने कैसे तो काटेंगे हम
अब जुदा हो, पहाड़ से दिन
#
छाँव आती नही, जरा भी
हैं अजूबे, ये ताड़ से दिन
#
लूट गजनी की हो गई है
बस्ती भारी उजाड़ से दिन
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग (छ.ग.)
susyadav7@gmail.com
7000226712
3.4.24

20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साथ चाहिए
साथ चाहिए
पूर्वार्थ
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
2778. *पूर्णिका*
2778. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
कोशिश बहुत करता हूं कि दर्द ना छलके
इंजी. संजय श्रीवास्तव
नमी आंखे....
नमी आंखे....
Naushaba Suriya
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
पयोनिधि नेह में घोली, मधुर सुर साज है हिंदी।
पयोनिधि नेह में घोली, मधुर सुर साज है हिंदी।
Neelam Sharma
काबिल बने जो गाँव में
काबिल बने जो गाँव में
VINOD CHAUHAN
मतदान करो
मतदान करो
TARAN VERMA
बात बस कोशिशों की है
बात बस कोशिशों की है
Dr fauzia Naseem shad
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
आबाद मुझको तुम आज देखकर
आबाद मुझको तुम आज देखकर
gurudeenverma198
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
वायरल होने का मतलब है सब जगह आप के ही चर्चे बिखरे पड़े हो।जो
Rj Anand Prajapati
"शिक्षक तो बोलेगा”
पंकज कुमार कर्ण
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
तुम्हारे स्वप्न अपने नैन में हर पल संजोती हूँ
Dr Archana Gupta
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
Gratitude Fills My Heart Each Day!
Gratitude Fills My Heart Each Day!
R. H. SRIDEVI
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
Dr MusafiR BaithA
बोलती आँखें
बोलती आँखें
Awadhesh Singh
बिसुणी (घर)
बिसुणी (घर)
Radhakishan R. Mundhra
कविता
कविता
Rambali Mishra
G27
G27
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
श्याम के ही भरोसे
श्याम के ही भरोसे
Neeraj Mishra " नीर "
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
surenderpal vaidya
Loading...