अन कहा सच
(काल्पनिक)
हा मेने ही कहा था कि मुझे तुमसे कभी बात नही करनी ।हा मेने ही कहा था कि में तुमको कभी याद नही करूँगा ।
शायद में ही गलत रहा होगा ।
हा में वादा पूरा नही कर सका ।
आज सुबह सुबह ही बालकनी में चाय का कप लिए ही तुम्हरी यादो ने दस्तक दे दी । ओर में चाहकर भी कूद को रोक नही पाया । ऐसा नही है कि मैने तुम्हे कभी याद नही किया । याद भी किया पर ओर कोशिश भी पर खुद को रोक लिया । तुम हमेशा गुस्सा दीलाती थी।
पर आज ना जाने क्यों इतनी याद
ओर ना चाहते हुए भी बार बार तुम्ही याद आती हो ।
ओर सच कहु तो मैने गुस्सा होना तुमसे ही सीखा था ।
तुम थी ही इतनी तीखी । गुस्सेल छोरी
आज बहुत याद आ रही तेरी ।शायद ये तेरे ही करा धराया है । पर मैने तुझे sms नही किया ।। और क्यू करु । मन तो करता है पर खुद को रोक लेता हूं ।
पर मन मे आज तेरी ही यादे है ।जो जाने का नाम ही नही लेती ।पर किससे कहु ।तुझसे तो कह नही सकता और कह भी तू तो तू समझ नही सकती ।
तो आज तेरी ही इक frnd से बाते share कर ली । थोड़ा मन हल्का हो गया । पहले क्या हेना तुझसे कर लिया करता ना ।पर अब तो तू बदल गयी है ना ।तो direct तो नही कह सकता । सो तेरी frnd से कह दिया ।वो तुझसे जरूर कहेगी । क्या करूँ याल तू स्पेशल जो है । सब की लाइफ में कोई ना कोई खास जरूर होता है । मेरी लाइफ में तू थी । ओर क्या बताऊ तेरे बारे ने जितना बताऊ उतना कम है मेरी डायरी के पन्ने ही भर जाए इतनी शिकायते ओर बाते है तेरी ।
क्या करूँ याल में अपना वादा नई निभा सका
आखिर तुझे इस दिल ने याद ही कर लिया ना चाहते हुए भी ।क्या करूँ ये सुनता ही नही है ना किसी की ।
कुछ काम तो है नही मुझे ओर इसे भी नही है ।
तू इसे लगी ही इतनी अच्छी ।और अच्छी है भी सही ।पर तु कभी कभी विकराल रूप भी ले लेती है । सो सारी गलतिया में खुद ही अपने ऊपर ले लेता हूं ।
तुझे नाराज़ करना मतलब । खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारना ।
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चल बस अभी के लिए इतना ही
ओर हा आज बहुत याद आ रही है तेरी ।
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