अन्दर कुछ गुल खिले
ह्रदय से ह्रदय मिले.
दीप से दीप जले.
दूर या पास रहें,
अन्दर कुछ गुल खिले.
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता / साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित.
ह्रदय से ह्रदय मिले.
दीप से दीप जले.
दूर या पास रहें,
अन्दर कुछ गुल खिले.
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता / साहित्यकार
सर्वाधिकार सुरक्षित.