अनुरोध किससे
किससे अनुरोध,
यही तो रोग है,
मनुष्य का क्षोभ है,
जो है उसका बोध नहीं,
जो नहीं है,
उस पर कैसा लोभ है,
……
तुम नहीं तो – ईश्वर भी नहीं है,
तुम हो तो – सब व्यवस्थाएं , तुम्हारे लिये हैं .।।।
……
Mahender Singh Khaletia
किससे अनुरोध,
यही तो रोग है,
मनुष्य का क्षोभ है,
जो है उसका बोध नहीं,
जो नहीं है,
उस पर कैसा लोभ है,
……
तुम नहीं तो – ईश्वर भी नहीं है,
तुम हो तो – सब व्यवस्थाएं , तुम्हारे लिये हैं .।।।
……
Mahender Singh Khaletia