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26 Nov 2019 · 1 min read

सरस्वती वंदना (अनुराधा घनाक्षरी)

माँँ पद्मनीलया को प्रणाम
– पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
माता का नाम:- श्रीमती मंजू देवी
शहर का नाम:- मुसहरवा (मंशानगर), पश्चिमी चम्पारण, बिहार
प्रदत्त छंद,, अनुराधा घनाक्षरी
______________________________________________

नमामि हंसवाहिनी, नमामि ज्ञानदायिनी, नमामि विन्ध्यवासिनी, ज्ञान दान दो मुझे।

नमामि वारिजासना, नमामि पद्मलोचना, नमामि कष्टमोचना, भक्ति दान दो मुझे।

नमामि बुद्धिदायिनी, सुबुद्धि ज्ञानदायिनी, नमामि मानदायिनी, ध्यान दान दो मुझे।

नमामि मातु शारदा, नमामि मातु भोगदा, नमामि मातु श्रीप्रदा, बुद्धि दान दो मुझे।

नमामि मातु भारती, नमामि मातू गोमती , तुम्ही माँ ज्ञान बाटती, अज्ञता बुहार दे।

नमामि वेद रक्षिणी, नमामि शास्त्ररूपिणी, नमामि ब्रह्मचारिणी, चित्त माँ निखार दे।

नमामि माँ सुरेश्वरी, नमामि माँ धनेश्वरी, नमामि माँ रुपेश्वरी, भाग्य माँ सवार दे।

नमामि कालरात्रि माँ, नमामि मोहरात्रि माँ , नमामि भक्तिदात्रि माँ, ध्यान माँ सुधार दे।
_____________________________________________
पूर्णतः स्वरचित, स्वप्रमाणित
【पं.संजीव शुक्ल “सचिन】

3 Likes · 1 Comment · 917 Views
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