अनुभव-मेरे जीवन का-5
हर सपने में आग लगी है ,
आशा की हर दीप बुझी है ,
मरने को तो मर सकता हूँ ,
पर जीना मेरी मजबूरी है l
दुनिया हसती है मेरी हालत पर,
मैं रोता अपनी किस्मत पर ,
बनाने वाला पागल होगा जो ,
तरस ना खाया मेरी सूरत पर l