अनिश्चित के दौर में निश्चित मिलेगी कामयाबी – आनंदश्री
अनिश्चित के दौर में निश्चित मिलेगी कामयाबी – आनंदश्री
-हर परिस्थिति में जीतने के पांच सशक्त सूत्र
मुम्बई-
बदलाव का दौर हमेशा रहेगा।कोरोना का यह दौर अनिश्चितता का ही दौर है। अनिश्चितता दौर में हम सब जी रहे है। रिश्तों में, व्यापार में, शिक्षा में तथा समाज राष्ट्र में एक जबरदस्त अनिश्चितता आ गयी है।इसी धोके से बचने के लिए आज आपको पांच सूत्र दिया जा रहा है। जब मुश्किल का दौर आता है तो ज्यादातर लोग बाहर बेकार हो जाते है ! तत्काल खतरों और अनिश्चित भविष्य का सामना करते हुए, वे अस्थायी रूप से और अप्रत्याशित रूप से प्रतिक्रिया करते हैं, जो केवल खराब मामलों को बदतर बनाता है। यह खराब परिस्थिति से निपटने का सही तरीका नही है।क्योंकि इससे परिस्थिति और बिगड़ेगी। कठिन आर्थिक और सामाजिक समय के दौरान अपने व्यवसाय तथा रिश्ते को बनाए रखने और यहां तक कि सुधार के लिए एक स्पष्ट, उल्लेखनीय रणनीति की जरूरत है। तूफान में डूबती हुई कश्ती को बाहर लाने की रणनीतियां।
असंभव से भी असंभव कार्य उस समय संभव हो जाता है जब नियंत्रण आपके हाथ मे होता है। जिम्मेदारी आप लेते हो।
महान नेता कुछ अलग ही होते है, वे अनिश्चितता के दौर में भी पैर को मजबूत रखते है और आगे बढ़ते है
अनिश्चित काल मे होता क्या है ?
इसमें फिसलन बहुत है। हारने के संभावना अधिक रहती है। इसी काल मे अविश्वास बढता है, विश्वास की कमी होने लगती है। ज्ञान तो बढ़ता लेकिन वह कृति में नही उतरती है, अनुशासन की कमी, एकाग्रता की कमी, डर हावी होने लगता है।
इसका परिणाम यह होता है कि इंसान और भी दलदल में फंसता जाता है।
संकट दौर को जीतने के पांच सूत्र
प्राथमिकता तय करे-
अपनी प्राथमिकता को तय करें आप क्या करना चाहते हो। इस दौर में आप को प्राथमिकता तय करते हुए उस पर शिद्दत से कार्य करना होगा। ठिक स्पोर्ट्स मेन की तरह उसे अपनी प्राथमिकता पता होता है।
याद रखिये 15 सेकंड के परफॉर्मेंस के लिए प्रोफेशनल को 15 साल का अभ्यास करना होता है।
विश्वास को हासिल करें और लोगो का विश्वास जीते
अनिश्चित का दौर विश्वास का हरण करता है।विश्वास की कमी संकट की घड़ी को और संकट बना देता है। ऐसे समय विश्वास को पुनः हासिल करना और लोगो का विश्वास अर्जित करना अतिमहत्वपूर्ण बन जाता है।
अविश्वास का टेक्स जिंदगी भर भरना पड़ता है और विश्वास का ब्याज पीढ़ी दर पीढ़ी को मिलता रहता है।
अपने अपनो का विश्वास कैसे हासिल करें-
सदी के महान लेखक स्टीफन कवी कहते है कि पारदर्शकता, वचनों का पालन और टीम में अपबे विश्वास को भर देना – इस कृति से लोगो का विश्वास हासिल किया जा सकता है।
विश्वास के हो दम पर आप ब्रांड के रूप में उभर सकते है।
अपनी एकाग्रता को बढ़ाना
कम समय में अधिक से अधिक हासिल करने के लिए जबरजस्त एकाग्रता की शक्ति चाहिए। एकाग्रता को प्राथमिक सेट करके बढ़ाया जा सकता है। आपकी प्रथमिकता और आदत से इस पर कार्य किया जा सकता है। अनिश्चित काल मे एकाग्रता का भटकना आम है, लेकिन फिर से अपने लक्ष्य पर एकाग्र होना खास है।
डर के आगे ही असंभव कार्य होते है
अगर आप डरते नही तो क्या करते? कई बार डर हम पर इतना हावी हो जाता है कि हम कुछ भी नही कर पाते। पात्रता होते हुए भी लक्ष्य नही बना पाते और हासिल भी नही कर पाते।
डर से ही चिंता का जन्म होता है। आप का ध्यान आप जंहा दोगे वंही आपके जीवन मे वृद्धि होगी।
चिंता का सर्कल और आप जो कर सकते है वह प्रभाव का सर्कल। आप किसको बढ़ाते है वही बढेगा। चिंता की अपने प्रभाव ( जो आप कर सकते है ) उस क्षेत्र पर ध्यान दे। अमेज़न उस समय बना जंहा जेफ बेजोस भी जानते थे। डर उनके पास भी था। लेकिन उन्हीने प्रभाव के सर्कल में ध्यान दिया। आज अपने अनिश्चितता के डर को जीत कर वह विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बने है।
कृतज्ञता
यह पांचवा और आखरी सूत्र जो आपको हर मौसम में, हर दौर में भरपुरता प्रदान करेगी। अगर विश्वास मानव प्रेरणा का सर्वोत्तम अविष्कार है तो ” धन्यवाद देना ” अध्यात्म का आधार है।
आज की परिस्थिति नाजुक है, बहुतो ने बहुत कुछ खोया है , लेकिन इस सूत्र से वह सब कुछ फिर से पा सकते है।
इन पांच सूत्र से आप आजके कोरोना के संकट दौर का सामना कर सकते है। अगर आपने दृढ़ निश्चय के साथ इन पांच सूत्र को जीवन मे उतारोगे तो आपको सफलता निश्चित मिलेगी।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
अध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई