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8 Aug 2024 · 1 min read

अनमोल सी राह देखी

कभी-कभी लगता है मन में,
जीवन की नई राह देखी
अपनी आँखों से आँसू गिराकर तो देखो,
लेकिन ऐसे कमज़ोर बनोगे
बर्बादी समझते हैं
लेकिन यह बर्बादी नहीं।
हिलते-डुलते रहोगे
स्थान बदलते रहोगे
दुख सुख में कभी हार नहीं मानी
धरती और आसमान एक नहीं हो सकते
सहेज कर रखे हुए रिश्ते
एक ऐसी रोशनी से भर देंगे
यह अनुमान है ,
जो इंसान सीख जाता है
वह फ़िर बोलना छोड़ देता है ।
मुझे विरोध करने की हिम्मत नहीं होती
आसमान बादल से घिरा
धूप का कोई नाम नहीं होता,
जैसे कोई खुली हुई किताब
सहेज कर रखा लेते हैं
किसी भी चीज को पकड़कर
बैठा नहीं जा सकता ।

— अवनी

Language: Hindi
25 Views
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