अनमोल जीवन के मर्म को तुम समझो…
अनमोल जीवन के मर्म को तुम समझो…
सद्कर्म की राह से इधर-उधर मत भटको!
बहुत मिलेंगे राहों में मन भटकाने वाले तुझे,
मंज़िल तक का सफ़र करना है,ये तुम कह दो!
…. अजित कर्ण ✍️
अनमोल जीवन के मर्म को तुम समझो…
सद्कर्म की राह से इधर-उधर मत भटको!
बहुत मिलेंगे राहों में मन भटकाने वाले तुझे,
मंज़िल तक का सफ़र करना है,ये तुम कह दो!
…. अजित कर्ण ✍️