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24 Aug 2024 · 1 min read

अनपढ़े ग्रन्थ … ..

अनपढ़े ग्रन्थ … ..

कुछ दर्द
एक महान ग्रन्थ की तरह होते हैं
पढना पड़ता है जिन्हें बार- बार
उनकी पीड़ा समझने के लिए ।

ऐसे दर्द
अट्टालिकाओं में नहीं
सड़क के किनारों पर
पत्थर तोड़ते

या फिर चन्द सिक्कों की जुगाड़ में
सिर पर टोकरी ढोते हुए

या फिर पेट और परिवार की भूख के लिए
किसी चिकित्सालय के बाहर
अपना रक्त बेचते हुए

या फिर रिश्तों के बाजार में
अपने अस्तित्व की बोली लगाते हुए
अक्सर मिल जाते हैं।

अनपपढ़े ही रह जाते हैं
अक्सर
ये ग्रन्थ दर्द के

सुशील सरना

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