अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
गर तेरा दीदार ना हुआ होता
सुनाता किसे जाकर मैं हाल ए दिल अपना
गर तुझसे प्यार ना हुआ होता
इश्क में तेरे रंगीन हो चली है जिंदगी मेरी
वरना जिंदगी जिंदगी नही दुख का घना साया होता
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488