Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2022 · 1 min read

अधूरी बातें

बातें रह गई थी अधूरी
पिछली मुलाकात में
हो जाए अब तो वो पूरी
हैं आज भी तेरे इंतज़ार में

कोई भी चीज़ अधूरी
कभी अच्छी नहीं होती
ध्यान बटाती है बार बार
जबतक वो पूरी नहीं होती

कहीं ये साजिश तो नहीं है
तुम्हारी मुझे सताने की
तम्माना हो रही है मुझे तो
हाल ए दिल बताने की

थोड़ा तरसाना तो अच्छा है
जुदाई का गम भी अच्छा है
लेकिन तुम छोड़ जाओ मुझे
किसने कहा ये भी अच्छा है

अब आ ही जा, और न सता
काम के बहाने अब और न बना
आकर पास मेरे अब तो सनम
कुछ मेरी सुन और कुछ अपनी सुना

वक्त के अंधेरों से डरता हूं
अकेले में आहें भरता हूं
अब तो आएगा तू जल्दी ही
मैं इसी आस में रहता हूं

तुम्हें बुला रही वो अधूरी बातें
इन वीरान रातों में आकर मुझे जगा दे
अब सही नहीं जाती ये जुदाई मुझसे
कैसे जीयूं अब मैं, आकर मुझे बता दे।

Language: Hindi
8 Likes · 570 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
हम जीये यहाँ इस तरहां
हम जीये यहाँ इस तरहां
gurudeenverma198
बिखर के भी निखरना है ,
बिखर के भी निखरना है ,
Neeraj kumar Soni
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
Bindesh kumar jha
दिल की बात बताऊँ कैसे
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्
Paras Nath Jha
गुलामी के कारण
गुलामी के कारण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
वो रूठ कर हमसे यूं चल दिए आज....!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
गणतंत्र का जश्न
गणतंत्र का जश्न
Kanchan Khanna
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
तोड़ कर खुद को
तोड़ कर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
नमन साथियों 🙏🌹
नमन साथियों 🙏🌹
Neelofar Khan
तुम गए कहाँ हो 
तुम गए कहाँ हो 
Amrita Shukla
तुम न समझ पाओगे .....
तुम न समझ पाओगे .....
sushil sarna
"स्वास्थ्य"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय प्रभात*
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
"जख्म की गहराई"
Yogendra Chaturwedi
जाना है
जाना है
Dr.Pratibha Prakash
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3472🌷 *पूर्णिका* 🌷
3472🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
Loading...