“ अधूरी बातें “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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तुझे कैसे कहूँ ,कैसे कहूँ ,
कह ना सकूँ तुझको कभी !
है आरजू ,कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !!
है बात कितनी अधूरी सनम ,
करीब आओ तो बता दूँ तुम्हें !
नजरों से नजरों में बातें नहीं ,
दिल की धड़कन सुना दूँ तुम्हें !!
है बात कितनी अधूरी सनम ,
करीब आओ तो बता दूँ तुम्हें !
नजरों से नजरों में बातें नहीं ,
दिल की धड़कन सुना दूँ तुम्हें !!
चाहत है मेरी कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !
तुझे कैसे कहूँ ,कैसे कहूँ ,
कह ना सकूँ तुझको कभी !!
है आरजू ,कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !!
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ,
रातें हमारी गुजर जाएँगी !
ऐसे ना हमको निहारा करो ,
आखों से बातें ना हो पाएँगी !!
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें ,
रातें हमारी गुजर जाएँगी !
ऐसे ना हमको निहारा करो ,
आखों से बातें ना हो पाएँगी !!
इशारों में कैसे कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !
तुझे कैसे कहूँ ,कैसे कहूँ ,
कह ना सकूँ तुझको कभी !!
है आरजू ,कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !!
वर्षों के बाद हम जो मिले हैं ,
क्यों अपनी रातें यूँही बिताएँ !
पायल की रुनझुन आवाजों से ,
अनकही बातों को जान जाएँ !!
वर्षों के बाद हम जो मिले हैं ,
क्यों अपनी रातें यूँही बिताएँ !
पायल की रुनझुन आवाजों से ,
अनकही बातों को जान जाएँ !!
नजरों से ,कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !
तुझे कैसे कहूँ ,कैसे कहूँ ,
कह ना सकूँ तुझको कभी !!
है आरजू ,कह दूँ तुझे ,
कैसे कहूँ ,मैं तुझको अभी !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
30.09.2021.