Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2018 · 1 min read

”अधूरी तू नहीं होती अधूरा मैं नहीं होता”

निगाहों में अगर यूँ आशिक़ी का अश्क न होता,
तो कमबख्त इस दुनिया में इश्क न होता,
जो मोहब्बत करते ही इज़हार कर दिया होता,
अधूरी तू नहीं होती अधूरा मैं नहीं होता |

Language: Hindi
471 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सूख गया अब
सूख गया अब
हिमांशु Kulshrestha
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
विनाश की कगार पर खड़ा मानव
Chitra Bisht
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
*चले आओ खुली बाँहें बुलाती हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
Bodhisatva kastooriya
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
पूर्वार्थ
मुझमें भी कुछ अच्छा है
मुझमें भी कुछ अच्छा है
Shweta Soni
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
दोहा- मीन-मेख
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चुनाव
चुनाव
Neeraj Agarwal
सीता रामम
सीता रामम
Rj Anand Prajapati
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
4566.*पूर्णिका*
4566.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* बाँझ न समझो उस अबला को *
* बाँझ न समझो उस अबला को *
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
नर से नर पिशाच की यात्रा
नर से नर पिशाच की यात्रा
Sanjay ' शून्य'
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
Sonia Pant
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
कौन  किसको पूछता है,
कौन किसको पूछता है,
Ajit Kumar "Karn"
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
*पयसी प्रवक्ता*
*पयसी प्रवक्ता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
सच्चे और ईमानदार लोगों को कभी ईमानदारी का सबुत नहीं देना पड़त
Dr. Man Mohan Krishna
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
"आशा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...