अधूरा सफ़र
अभी पूरा हुआ
अपना सफ़र नहीं!
तू चला चल यहां
तेरा गुज़र नहीं!!
जिसका देखा
सपना हमने
यह तो हरगिज़
वह शहर नहीं!!
बुद्ध से लेकर
कबीरा तक
रैदास से लेकर
मीरा तक
जिन्होंने सबको
अमृत बांटा
क्या मिला यहां
उन्हें ज़हर नहीं!!
चारों तरफ़
हिंदू-मुस्लिम
चारों तरफ़
ब्राह्मण-हरिजन
दूर-दूर तक
कोई बशर नहीं…
Shekhar Chandra Mitra
#RomanticRebel
#CommunalPolitics