Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Aug 2021 · 1 min read

अधूरा ज़हान

क्या भारत-क्या पाकिस्तान!
एक-दूसरे के बिना बिल्कुल
अधूरा है हमारा ज़हान!!
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech
#oshovision

Language: Hindi
207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुक्तक
मुक्तक
Rajesh Tiwari
फितरत से बहुत दूर
फितरत से बहुत दूर
Satish Srijan
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत" - भाग- 01 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
अरब खरब धन जोड़िये
अरब खरब धन जोड़िये
शेखर सिंह
मेरी फितरत
मेरी फितरत
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोनो कुनबे भानुमती के
दोनो कुनबे भानुमती के
*प्रणय प्रभात*
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
प्रेम की बात जमाने से निराली देखी
Vishal babu (vishu)
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
जन मन में हो उत्कट चाह
जन मन में हो उत्कट चाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"बड़ पीरा हे"
Dr. Kishan tandon kranti
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
उगाएँ प्रेम की फसलें, बढ़ाएँ खूब फुलवारी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दिखता नही किसी को
दिखता नही किसी को
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
ख़ुद से ख़ुद को
ख़ुद से ख़ुद को
Akash Yadav
मौन
मौन
Shyam Sundar Subramanian
*ताना कंटक एक समान*
*ताना कंटक एक समान*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
Smriti Singh
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
क्यों इस तरहां अब हमें देखते हो
gurudeenverma198
3329.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3329.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
ईमानदारी. . . . . लघुकथा
sushil sarna
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
Loading...