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25 Jun 2024 · 1 min read

अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।

अधुरे सपने, अधुरे रिश्ते, और अधुरी सी जिन्दगी।
फिर भी भागे जा रहे , न जाने क्या मुकम्मल करना है ।
आज है अभी हैं और भागे जा रहे है ।
न जाने कब ऊपर वाला याद करे, और फिर मरना है ।
कभी छोटी सी ख्वाईश भी खुद से भी बड़ी लगती हैं ।
अब क्या होगा तब क्या होगा बस डरना है और डरना है ।।

1 Like · 52 Views
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