सामाजिक संतुलन
हर सामाजिक प्राणी सिर्फ़ अपने अधिकारों पर चिंतन-मनन करता नजर आता है। कर्तव्यों की तरफ शायद ही किसी का ध्यान जाता हो। हम अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखें तो सामाजिक संतुलन बना रहेगा।
हर सामाजिक प्राणी सिर्फ़ अपने अधिकारों पर चिंतन-मनन करता नजर आता है। कर्तव्यों की तरफ शायद ही किसी का ध्यान जाता हो। हम अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखें तो सामाजिक संतुलन बना रहेगा।