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2 Sep 2021 · 1 min read

अद्वितीय कवि

जो लोग किया करते हैं
वह मुझे नहीं करना
जैसे लोग जिया करते हैं
वैसे मुझे नहीं जीना…
(१)
अपनों और गैरों को
सिर्फ़ दिखाने के लिए
जो लोग बना करते हैं
वह मुझे नहीं बनना…
(२)
ईनाम की लालच या
किसी सज़ा के डर से
जो लोग कहा करते हैं
वह मुझे नहीं कहना…
(३)
इस वक़्त की धारा में
बिना हाथ-पैर मारे
किसी लाश की तरह
अब मुझे नहीं बहना…
(४)
ऐसा हूं या वैसा हूं
ठीक हूं मैं जैसा हूं
किसी भी क़ीमत पर
अब मुझे यही रहना…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#RomanticRebel

Language: Hindi
Tag: गीत
435 Views
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