*अद्भुत तरंगें(कहानी)*
अद्भुत तरंगें(कहानी)
————————————————–
रघुवीर बीमारी के शिकार थे । उनको बहुत पीड़ा हो रही थी। बुखार खाँसी जुकाम सबने उन्हें जकड़ा हुआ था।। सुबह-सुबह पाँच बजे बिस्तर पर लेटे हुए थे और शरीर बुरी तरह दुख रहा था। एकाएक उन्हें महसूस हुआ कि कहीं से न जाने कौन सी हवा आई और उनके शरीर को दर्द से मुक्ति दिलाने लगी। रघुवीर को लगा कि दर्द गायब हो रहा है। बुखार मिट रहा है और शरीर स्वस्थ होने लगा। यह हवा करीब 10 मिनट तक उनके शरीर का स्पर्श करती रही। आश्चर्यचकित होकर वह कभी अपने आप को देखते थे, तभी अपने बिस्तर और कमरे की तरफ निगाह डालते थे और कभी इस सोच में पड़ जाते थे कि यह चमत्कार आखिर हो कैसे रहा है ?
थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपने आप को काफी हद तक स्वस्थ महसूस किया और जब दिन निकल आया तब वह घर से बाहर निकले। घर में अन्य सदस्यों से उन्होंने अपने अनुभव की चर्चा की थी लेकिन किसी ने अपना कोई अनुभव उनके साथ साझा नहीं किया। दरअसल किसी अन्य के पास कोई अनुभव था भी नहीं । कॉलोनी में घर से बाहर निकलने के बाद रघुवीर की मुलाकात कुछ दूसरे लोगों से भी हुई। कॉलोनी में उनके घर से दो-तीन घर दूर जनार्दन बाबू रहते थे। वह भी कुछ दिनों से तबीयत खराब होने की शिकायत कर रहे थे । कुछ साँस फूलती थी और कुछ उम्र का तकाजा था। सामने दिख गए तो रघुवीर ने उनसे पूछ लिया “आपको क्या सुबह-सुबह आज कुछ विशेष अनुभव हुआ ?”
सुनते ही जनार्दन बाबू उछल गए ,बोले ” हाँ ! आज सुबह तो विशेष अनुभव हो रहा था ।लगता था जैसे जादू के द्वारा कोई मेरे शरीर के रोगों को दूर कर रहा है । क्या आपको भी ऐसा ही अनुभव हुआ ?”
रघुवीर ने कहा “मुझे भी यही अनुभव हुआ , इसीलिए तो मैं कह रहा हूँ।”
तभी सामने से डॉक्टर अग्रवाल आते हुए दिखे। दोनों ने जब डॉ.अग्रवाल को देखा तो समझ गए कि जो अद्भुत अनुभव उन्हें आज सुबह हुआ, उसके पीछे जरूर डॉक्टर अग्रवाल का ही कोई हाथ रहा होगा । डॉक्टर अग्रवाल देश के बड़े और जाने-माने वैज्ञानिक हैं तथा उनके शोध कार्य चलते रहते हैं । दोनों ने दूर से ही डॉ अग्रवाल को नमस्ते की और दौड़कर उनके पास पहुँच गए। पहुँचने के बाद जनार्दन बाबू ने डॉक्टर अग्रवाल से कहा “आज सुबह तो मुझे एक अद्भुत अनुभव हुआ । ऐसा लगा जैसे कोई जादू के द्वारा मेरे शरीर की बीमारी को दूर कर रहा है । कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि यह सब कैसे हो गया ? बिना दवाई के भला बीमारी दूर हो सकती है ?”
डॉक्टर अग्रवाल सुनकर मुस्कुराए और रघुवीर से भी पूछने लगे “क्या आपको भी यही अनुभव हुआ ?”
रघुवीर ने मुस्कुराते हुए कहा “सबसे पहले तो मुझे ही अनुभव हुआ था। मैंने ही जनार्दन बाबू को अपना अनुभव बताया। मैं तो अभी तक आश्चर्यचकित हूँ कि यह सब कैसे हो गया ?”
डॉ. अग्रवाल ने कहा ” मैं भी अपने प्रयोग की सफलता के लिए आप लोगों से पूछना ही चाहता था। हुआ यह कि आज हमने हीलिंग मेडिटेशन किया था। यह एक पद्धति है । इसमें पूरी तरह सांसारिकताओं से मुक्त होकर हम परमात्मा को बुलाते हैं और परमात्मा के आगमन के बाद बीमारियाँ दूर करने के लिए परमात्मा की शक्ति का उपयोग किया जाता है। मैं अकेला क्या कर पाता, लेकिन सौभाग्य से मैं अकेला नहीं था। मेरे साथ सैकड़ों – हजारों लोग और भी थे। मेरी अकेले की क्षमता मुश्किल से एकाध मीटर तक ही काम कर पाती है। । अर्थात मेरे घर में ही सीमित होकर रह जाती है। ज्यादा से ज्यादा यह समझ लो कि बस मैं ही स्वस्थ रह पाता या मेरे परिवार के सदस्य जो घर में रहते हैं वह स्वस्थ रह पाते।”
” तो फिर आपके मेडिटेशन से हमारे ऊपर असर कैसे बैठा ?”रघुवीर ने जब पूछा तो डॉक्टर अग्रवाल बोले “मैं यही तो बता रहा हूँ। जब बहुत से लोग एक समान उद्देश्य के लिए मेडिटेशन करते हैं तो उसका असर कुछ और ही होता है । न जाने कितने लोग ऐसे भी होते हैं जिनके मेडिटेशन की सकारात्मक तरंगे उनके शरीर से बिल्कुल भी बाहर नहीं जा पाती। लेकिन फिर भी वह धन्यवाद के पात्र हैं कि उन्होंने कम से कम मनुष्यता के कल्याण के लिए कुछ तो सोचा। किसी- किसी की तरंगे एकाध इंच ही उनके शरीर के बाहर जाती हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनकी आधा-आधा किलोमीटर दूर तक तरंगे चली जाती है और उन तरंगों की परिधियों में जो भी व्यक्ति आ जाते हैं ,उन सब के रोग और शोक दूर हो जाते हैं । मेरे विचार से हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग हैं जो शक्तिशाली हीलिंग मेडिटेशन कर रहे हैं। इस दिशा में जिनका अनुभव और पारंगतता है ,जिनकी विशेषज्ञता ध्यान के क्षेत्र में है ।”
कॉलोनी में कुछ और भी लोग उपस्थित हो गए थे । एक ने प्रश्न किया ” बात हमारी तो कुछ भी समझ में नहीं आ रही । बिना दवा के इलाज कैसे हो सकता है? हर बीमारी के इलाज के लिए दवा की जरूरत होती है । क्या आप यह कहना चाहते हैं कि आपने मरीज को बगैर कोई दवा खिलाए उसका इलाज कर दिया ? बात स्पष्ट रूप से समझाइए ”
डॉ अग्रवाल ने समझाया” इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि है कि किसी भी प्रकार से एक दायरे की तरंग अगर दूसरे दायरे की तरंग से मिल जाती है, तब वह बहुत तीव्र रूप से फैलना शुरु कर देती है । मेरे ख्याल से हमारी कॉलोनी के भीतर यह जो हीलिंग मेडिटेशन का असर हुआ, उसका मुख्य कारण यही है कि यहाँ आस-पास बहुत से लोगों ने मेडिटेशन किया होगा। इसी क्रम में सब लोगों की तरंगे आपस में घुल- मिल गयीं और इसके फलस्वरूप तरंगों का एक शक्तिशाली और व्यापक दायरा बन गया होगा। यह सब परमात्मा की कृपा से ही संभव हो पाता है । हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी तरंग दूसरे की तरंग से मिल गई।”
सुनकर कॉलोनी के अन्य लोग भी इसी बीच इकट्ठा हो गए । सब की जानकारियों में जब मेडिटेशन की बात आई तो कई लोगों ने कहा कि हम भी मेडिटेशन करते रहते हैं और इन दिनों संसार के स्वास्थ्य लाभ के लिए मेडिटेशन समर्पित कर रहे हैं। डॉ अग्रवाल ने कहा ” बस ! अब बात समझ में आ गई । हमारी कॉलोनी में अगर हमने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और सबने हर घर में मेडिटेशन शुरू कर दिया तो फिर हमारी कॉलोनी रोगमुक्त हो जाएगी और यह एक सुखद स्थिति होगी।”
कॉलोनी में एक सज्जन का नाम अरविंद कुमार था। वह हर बात पर प्रश्न करते थे। इस बार भी उन्होंने प्रश्न किया “डॉक्टर साहब ! हर बार तो आप वैज्ञानिक परीक्षण करते हैं और उसका एक वैज्ञानिक आधार होता है। तब तो बात सही थी । लेकिन हम मेडिटेशन या ध्यान को विज्ञान कैसे मान लें ? आप तो अपने घर में बैठकर बस चुपचाप बैठ जाते हैं । उसको ध्यान कहते हैं और फिर कहते हैं कि उसी के कारण आप संसार को रोग मुक्त कर देंगे। इसका कोई वैज्ञानिक आधार तो हुआ नहीं?”
डॉक्टर साहब ने सुनकर शांत भाव से कहा “संसार में जो कुछ भी चल रहा है, उसका कोई न कोई वैज्ञानिक आधार होता है । मेडिटेशन भी एक विज्ञान सम्मत क्रिया है , जो विज्ञान के आधार पर ही काम करती है । यह इतनी सूक्ष्म क्रिया है कि न तो हमें दिख पाती है और न ही हम गहराई से उसकी व्याख्या कर पाते हैं । यह वास्तव में ईश्वर के द्वारा किया जाने वाला कार्य होता है, जिसमें हम तो केवल नतमस्तक होकर उसके समक्ष उपस्थित हो जाते हैं और वह कृपा करके अपनी तरंगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए चारों तरफ प्रसारित कर देता है ।अब बस इतना ही हम चाहते हैं कि सब लोग मेडिटेशन शुरू कर दें ताकि यह जो हमारी कॉलोनी में तरंगों का चमत्कार हुआ, वह सारी दुनिया में हर कोने में फैल जाए ।”
——————————————–
लेखक : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451