अदा
अदा
+++++++++++++++
मुझसे मुहब्बत भी बेपनाह करता है
फिर भी मेरी हर बात पर बिगड़ता है
इसे अदा कहुँ या फितरत जनाब की
जो भी हो दिल ये तो उसी पे मरता है !!
!
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—: डी के निवातिया :—
अदा
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मुझसे मुहब्बत भी बेपनाह करता है
फिर भी मेरी हर बात पर बिगड़ता है
इसे अदा कहुँ या फितरत जनाब की
जो भी हो दिल ये तो उसी पे मरता है !!
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—: डी के निवातिया :—