Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

अदा बोलती है…

ये दुनिया न सोचो कि क्या बोलती है,
इसे बोलना है, सदा बोलती है।।

दिखावा बहुत ही करे बे-हयाई,
हयादार की तो हया बोलती है।।

मुहब्बत में होता है ऐसा ही अक्सर,
ज़बाँ चुप रहे पर अदा बोलती है।।

बुराई के बदले भलाई किये जा,
भलाई के हक़ में दुआ बोलती है।।

यहाँ मसअले हैं बहुत ज़िन्दगी के,
ये मैली – कुचैली रिदा बोलती है।।

भले ही मुझे वो कहें बेवफ़ा पर,
मैं क्या हूँ ये मेरी वफ़ा बोलती है।।

चराग़-ए-मुहब्बत रखो ‘अश्क ‘ रौशन,
बुझाने को आबो-हवा बोलती है।।

© अश्क चिरैयाकोटी

Language: Hindi
1 Like · 66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
The best Preschool Franchise - Londonkids
The best Preschool Franchise - Londonkids
Londonkids
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
इक उम्र जो मैंने बड़ी सादगी भरी गुजारी है,
इक उम्र जो मैंने बड़ी सादगी भरी गुजारी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
बदले-बदले गाँव / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
भ्रातृ चालीसा....रक्षा बंधन के पावन पर्व पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
सोनपुर के पनिया में का अईसन बाऽ हो - का
जय लगन कुमार हैप्पी
पर्वत को आसमान छूने के लिए
पर्वत को आसमान छूने के लिए
उमेश बैरवा
"जानिब"
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
मैंने किस्सा बदल दिया...!!
Ravi Betulwala
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
Ravi Yadav
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
कितना मुश्किल है केवल जीना ही ..
Vivek Mishra
रोते हुए को हॅंसाया जाय
रोते हुए को हॅंसाया जाय
Mahetaru madhukar
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
विनती
विनती
Kanchan Khanna
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
स्वयं को बचाकर
स्वयं को बचाकर
surenderpal vaidya
चंद्र मौली भाल हो
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
आकर्षण गति पकड़ता है और क्षण भर ठहरता है
आकर्षण गति पकड़ता है और क्षण भर ठहरता है
शेखर सिंह
3554.💐 *पूर्णिका* 💐
3554.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
तब तो मेरा जीवनसाथी हो सकती हो तुम
gurudeenverma198
जन-मन की भाषा हिन्दी
जन-मन की भाषा हिन्दी
Seema Garg
चिंतन करत मन भाग्य का
चिंतन करत मन भाग्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...