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3 Jun 2018 · 1 min read

अदावत

सुखों ने कर डाली हमसे अब बगावत है,
देखो मेरी कैसी भाग्य से अदावत है
कैसे अब सम्भले, जीवन आये पटरी पर
विधना के विधानों की गजब की इनायत है।
———
✍ ✍ पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
मुसहरवा, पश्चिमी चम्पारण
बिहार

Language: Hindi
244 Views
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